Wednesday, November 5, 2008

यदि किसी रोती बच्ची kओ आप हंसाने की कोशिश में है

तो ध्यान रखिये

आप पर उसे फुसलाने का आरोप लग सकता है

इन दिनों दिल से हसना जुर्म है

तो किसी को अपनी हँसी में शामिल करना

सबसे बड़ी जालसाजी

सावधान हो जाइये

क्योंकि इस समय

सबसे बड़ा अपराध है

आपका अपराधी न होना

7 comments:

सागर नाहर said...

आप तो डरा रहे हो, दोस्त। मैं तो अब तक बहुत लोगों को हंसाता रहा हूँ।, यानि अब मुझे संभल कर लोगों को हंसाना होगा?
:)

आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है।

॥दस्तक॥
गीतों की महफिल
तकनीकी दस्तक

Prakash Badal said...

स्वागत है

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan

रचना गौड़ ’भारती’ said...

आपका हर्दिक स्वागत है । आज से रोना शुरू कर देते हैं । उसमें तो कोई सज़ा नहीं है }
कविता गज़ल के लिए मेरे ब्लोग पर पधारें है ।

अभिषेक मिश्र said...

इन दिनों दिल से हसना जुर्म है
तो किसी को अपनी हँसी में शामिल करना
सबसे बड़ी जालसाजी
सच्चाई है आपकी पंक्तियों में और आज की कटु विडम्बना भी. स्वागत आपका मेरे ब्लॉग पर भी.

Amit K Sagar said...

ब्लोगिंग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. लिखते रहिये. दूसरों को राह दिखाते रहिये. आगे बढ़ते रहिये, अपने साथ-साथ औरों को भी आगे बढाते रहिये. शुभकामनाएं.
--
साथ ही आप मेरे ब्लोग्स पर सादर आमंत्रित हैं. धन्यवाद.

कीर्ति राणा said...

aap ki "hansi" padh kar wo khil-khil hansti swarangi yad aa gayi.
www.pachmel.blogspot.com